Prem ka Shaher - 1 books and stories free download online pdf in Hindi प्रेम का शहेर - 1 (3) 1.4k 4.3k प्यार का शहर 1 हैलो, ये मेरी पहली कहानी कृपया करके समर्थन करें । दिल्ली प्यार का शहर। भारत की टॉप सिटी में से एक। कहते हैं ना कि अगर आपकी किस्मत में जो लिखा होता है वही आपको मिलता है लेकिन हमारी प्यारी श्रेया को ये बात को समझाए। श्रेया एक 22 साल की यंग, क्यूट और सुंदर लड़की जो किस्मत में बिल्कुल यकीन नहि करती हैं ।वह अपनी किस्मत खुद बनाने पर विश्वास रखती हैं । पर आज उसके साथ कुछ ऐसा होने वाला है कि जो उसकी किस्मत बदल के रख देगा। मॉर्निंग के 7 बज चुके तबी एक आवाज दरवाजा से आई मिस उठ्जाये सुबह हो गही हैं आप लेट हो जाएगी .ये थी मिस मोनिका मित्तल हाउस की सब से वफादार और पुरानी सर्वेंट और । मित्तल हाउस ये घर था श्रेया का जो नॉर्थ दिल्ली में था। श्रेया मित्तल उदय मित्तल और पाखी मित्तल की बेटी थी। और श्रेया एकलौती लड़की थी मित्तल खानदान की। वैसे श्रेया के पास पैसों की कमी नहीं है। पर वो अपनी किस्मत खुद बनाना चाहती थी इसलिए वो जॉब करती थी। इस पर उसके पापा नहीं मान रहे थे। पर बेटि की जिद के आगे क्या करते। वैसे श्रेया घर के बाहर एक आम सी लड़की की तरह ही रहना पसंद करती है। वो बाहर किसी को भी अपनी पहचान नहीं बताती हैं । वो नहीं चाहती कि कोई भी उसकी अमीरी देख कर उसे पसंद करे। श्रेया एक काबिल या होनार् लड़की है। आज उससे देर हो रही थी। वो जल्दी से नीचे उतरी और बोली मिस मोनिका। मेरा नाश्ता लगा दिया । श्रेया ने जल्दी से ब्रेकफास्ट किया और मोनिका को गाल पे किस करके जा ही रही थी कि तभी पीछे से आवाज़ आही रुको श्रेया ने पीछे देखा तो एक बनारसी सादी पहन के एक औरत आई वो औरत थी पूजा मित्तल श्रेया कि मासी या चाची पूजा ने कहा रुखो प्रसाद लेके जाओ तुम पाखी ने ना बोलते हुए कहा मेरा आज सोमवार का वार्त हैं । तबी पूजा हस्ति बोली तुम्हें अच्छा लड़का मिल जाएगा तुम इतनी खुबसुरत जो हो। अगर ऐसे वर्त रखने से अच्छा पति मिलता तो मुझे तुम्हारे चाचा थोड़ी मिलती और दोनो हसने लगे। तबी पीछे से एक आवाज आही तो क्या में अच्छा नहीं हु दोनो ने देखा ये श्रेया के चाचा अभय थे। श्रेया जाकार उनसे गले मिली और बोली नहीं चाचू आप बहुत अच्छे चाचू हो पर चाची बोल रही थी कि आप अच्छे पति नहीं हो। ये बोलते ही अभय पूजा को देखने लगा और बोला हा तो मुझे भी कोनसी अच्छी पत्नी मिली और सब हसने लगे। तबी श्रेया पूजा से कहती है। चाची मम्मी पापा कहा है। पूज कहती है। तुम्हें तो पता है, तुम्हारी मम्मी और पापा को ऑफिस से टाइम ही कहा मिलता है दोनो मॉर्निंग में जल्दी चले गए। तब भी पाखी ने घड़ी की तरफ देखा और बोली चाचा चाची आप कि वजह से किसी दिन मेरी जॉब जाएगी। पूजा बोली तुम्हें जॉब करने की जरुरत ही नहीं है। तुम्हे जो चाहिए वो हम लेक देंगे ना।श्रेया बोली चाची आपको पता है ना में ये जॉब कियू कर रही हूं मैं अपने पैरो पे खड़ी होना चाहती हूं इसका ये मतलब नही है कि आप सब मुझसे प्यार नहीं करते।आप सब तो मेरी जान हो। तभी चाची बोली अब उससे भी मिलवा दे जिसे तू सच में जान बोलती है श्रेया हस्ति हुई। वहा से बाहर आ जाती है। अपनी एक्टिवा 6जी लेकर निकल जाति है। ऑफिस की तरफ इस बात से अंजान की आज उसकी जिंदगी बदल जाएगी। जारी रहेगा... › अगला प्रकरणप्रेम का शहेर - 2 Download Our App अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी Manju Prajapat फॉलो उपन्यास Manju Prajapat द्वारा हिंदी लघुकथा कुल प्रकरण : 2 शेयर करे आपको पसंद आएंगी प्रेम का शहेर - 2 द्वारा Manju Prajapat NEW REALESED Adventure Stories अनीश का जन्मदिन दिनेश कुमार कीर Love Stories दो पल (love is blind) - 5 ભૂપેન પટેલ અજ્ઞાત Horror Stories DERA Devika Singh Thriller द सिक्स्थ सेंस... - 8 रितेश एम. भटनागर... शब्दकार Fiction Stories मैं तो श्याम रंग रांची बनाम वैष्णवी bhagirath Love Stories लव एंड ट्रेजडी - 7 Urooj Khan Love Stories अर्धांगिनी-अपरिभाषित प्रेम... - एपिसोड 6 रितेश एम. भटनागर... शब्दकार Horror Stories कालवाची-प्रेतनी रहस्य-सीजन-२--भाग(२४) Saroj Verma Love Stories पागल - भाग 36 Kamini Trivedi Thriller ए पर्फेक्ट मर्डर - भाग 6 astha singhal